Tag Archives: मुर्गीपालन में बायोसिक्योरिटी
मुर्गियों में CRD के लक्षण,कारण और उपचार
मुर्गियों में CRD मुख्यतः मुर्गियों में साँस की बीमारी है ।मुर्गियों में CRD का मुख्य कारण मइक्रोप्लाजमा गैलिसेप्टिकम नामक एक रोगजनक बैक्टीरिया है।पक्षियों में CRD एक ऐसी बीमारी जिससे ना केवल ब्रोइलर ,लेयर और ब्रीडर मुर्गीयाँ प्रभावित होतीं हैं बल्कि अन्य पक्षी जैसे की कबूतर ,बतख ,तीतर इत्यादि पक्षियाँ भी प्रभावित होतीं हैं।मुर्गियों में CRD […]
Continue readingमुर्गीपालन में बायोसिक्योरिटी
मुर्गीपालन में बायोसिक्योरिटी (जैविक सुरक्षा के नियम) पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि योजनाबद्ध तरीके से मुर्गीपालन किया जाए तो कम खर्च में अधिक आय की जा सकती है। बस तकनीकी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। वजह, कभी-कभी लापरवाही के कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी […]
Continue readingब्रायलर मुर्गीपालन से सम्बंधित आधारभूत जानकारी
ब्रायलर मुर्गीपालन करने से से पहले यह जानना जरूरी है की ब्रायलर मुर्गीपालन पालन क्या है और कैसे करें ? ब्रायलर मुर्गीपालन का पालन मांस के लिए किया जाता है। ब्रायलर प्रजाति के मुर्गा या मुर्गी अंडे से निकलने के बाद ४० से ५० ग्राम के ग्राम के होते हैं जो सही प्रकार से दाना- दवा खिलाने और सही […]
Continue reading